प्राचीन काल से ही भारतवर्ष की पहचान दुनिया भर में विविध आध्यात्मिक सांस्कृतिक विरासत वाले देश के रूप में रही है विश्व भर में मानवता को राज दिखाने वाले अनेक महान संत इस भारत भूमि पर अवतरित होते रहे हैं ऐसे ही एक महान संत इसकी फिरोजाबाद जिले में अवतरित हुए जिन्हें आज विश्व भर में “नीब करोरी बाबा” या “नीम करोली बाबा” के नाम से जाना जाता है I
नीम करोली बाबा का अवतरण
नीम करोली बाबा का जन्म सन 1900 के आसपास वर्तमान फिरोजाबाद जिले के अकबरपुर ग्राम में हुआ था उनके बचपन का नाम लक्ष्मण दास था उनके पिता द्वारा लगभग 11 वर्ष की उम्र में ही उनका विवाह कर दिया गया था किंतु आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्ति की व्याकुलता के कारण उनोन्हे घर छोड़ दिया किंतु पिता के अनुरोध पर घर वापस आए व गृहस्थ जीवन व्यतीत करने लगे I
कहा जाता है कि लगभग 17 वर्ष की उम्र में ही उन्हें आध्यात्मिक ज्ञान की प्राप्ति हो गई थी I बाबा जी भगवान श्री हनुमान जी को अपना गुरु मानते थे इसी कारण लोग उन्हें श्री हनुमान जी का अवतार मानने लगे थे I
बाबा जी के दर्शन मात्र से ही जब लोगों की आध्यात्मिक उन्नति होने लगी तो तो बाबा जी की ख्याति उनके गावं क्षेत्र से बाहर निकल कर न केवल पूरे देश में फ़ैलने लगी वरन उनके अनुयायी बाबा जी विचारों को साथ समुन्दर पार तक के गए .
लक्ष्मण दास से नीब करोरी ( नीम करोली ) बाबा तक
जैसा कि पूर्व में उल्लेखित किया है बाबा जी एक गृहस्थ संत थे जो बचपन में लक्ष्मण दास नाम से जाने जाते रहे किन्तु एक चमत्कारी आध्यात्मिक संत नीब करोरी ( नीम करोली ) बाबा के रूप में विख्यात होने का एक रोचक किस्सा कई दशकों से जनमानस में एक मौखिक परम्परा में चर्चित है – कहा जाता है कि एक बार बाबा ट्रेन में सफर कर रहे थे।लेकिन उनके पास टिकट नहीं था। जिस कारण टीटी अफसर ने उन्हें पकड़ लिया। बिना टिकट होने के कारण अफसर ने उन्हें अगले स्टेशन में उतरने को कहा किन्तु उस स्टेशन के पूर्व ही एक गाँव के पास गाडी रुकने पर बाबा को गाड़ी से उतार दिया गया, स्टेशन के पास के गांव को नीम करोली के नाम से जाना था । बाबा वहां से कहीं नहीं गए । वे ट्रेन के पास ही एक चिमटा धरती पर लगाकर बैठ गए। इसके बाद जब ट्रेन चलाने के निर्देश मिलने पर गाडी आगे नहीं बढ़ पा रही थी जब अधिकारी ट्रेन का अवलोकन करते हुए नीचे आये और उन्होंने जमीन पर चिमटा गाड कर बैठे संत को देखा व् सारी बात मालूम की तब उनमें से एक अफसर बाबा जी को जानते थे उनसे ट्रेन आगे बढवाने का अनुरोध करने लगे I तब बाबा जी ने कहा इस गाव में कोई स्टेशन नहीं है , यहाँ स्टेशन बनवाया जाए . अफसरों द्वारा यह बात उच्च अधिकारियों तक पहचाने और स्टेशन बनाने की बात कहने के बाद ही गाडी आगे बढ़ सकी I और ऑफिसर ने ड्राइवर से गाड़ी चलाने का आदेश दिया। इस घटना के बाद बाबा लक्ष्मण दास से नीब करोरी ( नीम करोली ) बाबा के रूप में विख्यात हो गए .
नीब करोरी ( नीम करोली ) बाबा के आश्रम
नीम करोली बाबा के आश्रम भारत में कैंची, भूमियाधार, काकरीघाट, कुमाऊं की पहाड़ियों में हनुमानगढ़ी, वृन्दावन, ऋषिकेश, लखनऊ, शिमला, फर्रुखाबाद में खिमासेपुर के पास नीम करोली गांव और दिल्ली में स्थित है . इसके अलावा उनके अनुयाइयों ने ताओस, न्यू मैक्सिको, संयुक्त राज्य अमेरिका में भी उनके आश्रम स्थापित कराये I
आध्यात्मिक अनुयाई – अकबरपुर के किसान से स्टीव जाब्स , मार्क जुकरबर्ग , जूलिया राबर्ट्स तक
नीब करोरी ( नीम करोली ) बाबा की आध्यात्मिक शक्ति से न केवल देश भर में आम लोग आध्यात्मिक , भौतिक उन्नति प्राप्त कर रहे थें वरन उनके ब्रम्हलीन होने के बाद भी स्टीव जाब्स , मार्क जुकरबर्ग , जूलिया राबर्ट्स जैसी प्रसिद्ध हस्तियाँ भी बाबा जी के आश्रम में आध्यात्मिक , भौतिक उन्नति प्राप्त करने उत्तराखंड के कैंची धाम आये I
11 सितम्बर 1973 को वृंदावन में बाबा जी ब्रम्हलीन हो गए I आज नीम करोली बाबा का शरीर हमारे बीच नहीं है पर आज भी आध्यात्मिक , मानसिक , भौतिक उन्नति प्राप्त करने लाखों लोग बाबा के आश्रम में पहुँचते हैं I कैंची धाम उत्तराखंड में प्रतिवर्ष जून माह में विशाल भण्डारा आयोजित होता है जिसमें देश – विदेश से लाखों अनुयाई प्रतिवर्ष कैंची धाम पहुँचते है .
भगवान् श्री हनुमान जी के मानव अवतार माने जाने वाले बाबा नीम करोली का आशीर्वाद काम की ख़बरें.कॉम के लाखों पाठकों पर बना रहे I